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Neelam Bansal

Romance

3  

Neelam Bansal

Romance

प्रेम का बन्धन

प्रेम का बन्धन

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चांद की रोशनी में

चमकती वो रात

हाथों में हाथ थामे

स्मरणीय पहली मुलाकात


आभूषणों से लदी गहनों से सजी

बैठी थी पालकी में होके तैयार

लेने मुझे आए थे आप होके घोड़े पे सवार

निभाई थी हमने अनेकों ही रस्में

होंगे इक दूजे के फेरों में खाई थी कसमें


वर्षों तक निभाया जो

आगे भी निभाएंगे

रिश्तों की डोरी में

बंधते ही जाएंगे

प्रेम एवं सम्मान सहित

"वैलेंटाइन डे"मनाएंगे

प्रेम का ये बन्धन निभाएंगे।


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