STORYMIRROR

Neelam Bansal

Tragedy

3  

Neelam Bansal

Tragedy

परिवार

परिवार

1 min
311

रिश्तो में भर आई खटास क्यों,

अपनों का अपनों से मनमुटाव क्यों,

यह किसकी जिम्मेदारी है?

एक साथ मिल बैठना

हंस-हंस के बातें करना

केवल यादगारी है।

टूट गए वो रिश्ते नाते

बिखर गए वह बंधन सारे

अब तो

केवल साझेदारी है।

सगे संबंधी कबीले वाले

मिलकर उत्सव मनाते थे,

हो जाए अब आगमन समय पर

तो निभाई रिश्तेदारी है।

ना मां बाप ना भाई बहन

केवल मात्र संपत्ति की दावेदारी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy