बेटी
बेटी
अगले जन्म मोहे बिटिया न किजो
बेटियों की ये पुकार आयी है
देख समाज की दरिंदगी को
हर बेटी ने
कानून से की दुहाई है
क्यों उसने
आखिर क्यों उसने
भ्रुण हत्या पर रोक लगाई है
अच्छा होता
मर जाती वो पेट में
जिलत तो न सहनी पड़ती
दुनिया की झपेट मै
अनेकों लड़किया
सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई
कुछ तो मर गई कुछ
शारीरिक विकार हुई
लड़की की किस्मत तो देखो
रिश्तेदारों तक ने नोच डाला
कभी स्कूल बस ड्राइवर ने
पांच साल की लड़की को दबोच डाला
बलात्कारियों ने फिर भी
लड़की के कपड़ों पर ही
व्यंग्य ता जताई है
शर्मसार आब ये नहीं होते
तभी तो
आठ महीने की बच्ची के साथ
दरिंदगी दिखाई है
रो रो कर सिसकते हुए
रो रो कर सिसकते हुए
उसने आवाज़ उठाई है
क्यों इस समाज ने
नन्ही छांव मुहिम चलाई है।
