प्रभु- चरण।
प्रभु- चरण।
राम नाम का पीले प्याला, बन जा तू उसका मतवाला।
राम नाम जिस घर में बोले, करते रक्षा बन रखवाला।।
बालपन यूँ क्रीड़ा में बीता, यौवन बीता नारी के वश में।
अंधकारमय हुआ यह जीवन, रहा न कुछ अब तेरे वश में।।
समय कभी ना रुकने वाला, वृद्धा अवस्था ने आ घेरा।
तन में लगी अनको व्याधि, अब ना कहता मेरा- मेरा।।
राग- ग्रसित सब जीवन काटा, राम नाम से न नाता जोड़ा।
त्याग अगर जरा कर लेता," प्रभु चरण" में थोड़ा-थोड़ा ।।
जब जागो तब होय सवेरा, राम नाम का तू ले सहारा ।
अज्ञानता "नीरज" सब मिट जाएगी, कर ले उनके हृदय में बसेरा।।