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Neetu singh Anjali

Drama

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Neetu singh Anjali

Drama

प्रार्थना

प्रार्थना

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करूँ वंदन नमन तुमको,

कमलनयनी हे दुर्गेश्वरि।

वीणापाणि माँ शारदे,

हरो अज्ञान भुवनेश्वरि।।


माते- मैं मूढ़ अज्ञानी,

प्रज्ञबल बाहुबल देना।

करूँ पुरुषार्थ परमारथ,

नैष्ठिक तत्व सबल देना।।


धूप नैवैद्य से अर्चन,

शुचिता लेखिनी सत्वर।

य: देवी अघहारी,

कटें संशय जो घने अंर्त।।


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