पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
हर्षित पुलकित मन हो आया,
आज पन्द्रह अगस्त का दिन है आया,
लाल किले पर है ध्वज लहराया,
शोभा देख आज तिरंगे की,
हर्षित मन औ चेहरा चमकाया ।
वन्देमातरम से झूमा देश
जब तिरंगा शान से लहराया
जयहिंद का उद्घोष करके
गर्वित हो तब राष्ट्रगान को गाया ।
पुष्प वर्षा लाल किले पर,
जैसे बरसे मेघ बरसाया,
अमर शहीदों की अब गाथा,
सीना तान जुंबा पर आया ।
हिन्दू-मुस्लिम सिक्ख ईसाई ,
अखण्ड भारत की नींव बनाई,
देश का हर एक बच्चा कहता,
भारत देश है दिल में बसता।
पन्द्रह अगस्त का शुभ दिन है आज
सबके मन को है हर्षाया,
संप्रभुत्व,स्वतंत्र अब हैं हम,
यह सोच के अन्तर्मन मुस्काया।।
