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Bhanu Soni

Inspirational

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Bhanu Soni

Inspirational

पंछी बन उड़ जाने दो....

पंछी बन उड़ जाने दो....

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एक रोशनी का सागर हैं, 

जो मुझ में कहीं समाया है, 

है आयी कितनी आँधियां

मन इनसे कहाँ घबराया है, 

धूप बन खिल जाऊंगी, 

मायूसियों की सिहरन में 

मन की आशा के कुछ सपने 

जीवन में सजाने दो, 

पंछी बन उड़ जाने दो। 


जीवन का एक लम्बा अरसा, 

पीछे ना जाने कहाँ खो गया, 

कोई अक्स नहीं सामने मगर, 

चल हो गया, सो हो गया 

कुछ आहटे है सुन्दर यादों की, 

कुछ अवसर भी है, शेष अभी 

इन लम्हों में अब मुझे 

खुलकर जरा मुस्कुराने दो

पंछी बन उड़ जाने दो। 


आज सुना मैने मेरे मन का आईना 

हर पल क्या गीत सुनाता है, 

हो बात फिर कैसी भी, 

समझाता है, बहलाता है, 

कोई सीमा नहीं है तेरे लिए 

कहकर मनोबल बढ़ाता है, 

अपने सपनों की ख़ातिर 

मुझे आशा के दीप जलाने दो

पंछी बन उड़ जाने दो। 



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