पंच तत्व
पंच तत्व
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कठिन परिस्थितियों में रहना होगा हमें, जल की भांति शीतल।
किसी के लिए नहीं रखें कटुता, हृदय रहे जल की भांति निर्मल।
काम के प्रति पूर्णतया रहना होगा, वायु की भांति समर्पित।
सबके प्रति प्रेमभाव के प्रवाह को रखें, वायु की भांति अनियंत्रित।
असहाय और निर्धन जनों की मदद को रहें, अग्नि की भांति उत्साहित।
सबके जीवन के अंधियारे को मिटाएं, करें अग्नि की भांति प्रकाशित।
किसी भी काम के प्रति अरुचि न दिखाएं, रहें पृथ्वी की भांति सक्रिय निरंतर।
जीवन में दुख, सुख, जैसी भी ऋतु आए, न पड़े पृथ्वी की भांति कोई अंतर।
अपने उद्देश्यों के प्रति अपने परिश्रम को रखें, आकाश की भांति अनंत।
लक्ष्य को पाने को मन में इच्छा को रखें, आकाश में सूर्य के भांति ज्वलंत।