Rishi Raj Singh
Romance
एक प्रेमी
लिखता है प्रेम पत्र
और करता है संबोधित
अपनी प्रेमिका को
अनगिनत नामों से,
ये नाम
प्रेमिका के
साथ रहते हैं
जीवन भर
उसकी पल्लू में गांठ
बन कर
गोलियों की आव...
औरतें मौन हैं
पल्लू में गां...
मजदूर की बीवी
माँ- एक श्रद्...
मदर्स डे
छत और छज्जे व...
ऊन का गोला
माँ, पापा अब ...
अमीरी-डेंट
पर बेजुबान दिल यह मेरा सिर्फ धड़कता रहा। पर बेजुबान दिल यह मेरा सिर्फ धड़कता रहा।
क्योंकि आखिर मैं तो हूँ एक इन्सान मैं हूँ एक इन्सान। क्योंकि आखिर मैं तो हूँ एक इन्सान मैं हूँ एक इन्सान।
चाहती हैं मुझे भी वो, पर कहती है कि प्यार नही.. चाहती हैं मुझे भी वो, पर कहती है कि प्यार नही..
कुबूल कीजिए हमारा दिल हमेशा के लिए। कुबूल कीजिए हमारा दिल हमेशा के लिए।
आज भी बसता है मेरा और सिर्फ मेरा वो एकतरफा प्यार। आज भी बसता है मेरा और सिर्फ मेरा वो एकतरफा प्यार।
काश के फिर से बस जाती, वो ज़िंदगी की हंसी शाम। ज़िंदगी का जब हर पल, गुज़ारा मैने त काश के फिर से बस जाती, वो ज़िंदगी की हंसी शाम। ज़िंदगी का जब हर पल, ग...
जिंदगी में जरूरी भी तू ही रे, तेरे बिना ना जीया जाए रे अब। जिंदगी में जरूरी भी तू ही रे, तेरे बिना ना जीया जाए रे अब।
यै जाने जां न शरमाओ तुम आज की चांदनी रात में ..... यै जाने जां न शरमाओ तुम आज की चांदनी रात में .....
अमावस की हर रात को, मैनें पूनम सी बना ली, जबसे मेरे दिल ने, तेरे नाम की शमा जला ली। अमावस की हर रात को, मैनें पूनम सी बना ली, जबसे मेरे दिल ने, तेरे नाम की शमा ज...
हर कोशिश हुई है नाकाम जिसको भुलाने की । हर कोशिश हुई है नाकाम जिसको भुलाने की ।
पर साथ हो, इतना काफी है मन को सुकून देने के लिए। पर साथ हो, इतना काफी है मन को सुकून देने के लिए।
आँखों में आँसुओं को छुपा लो भी अब 'किरण' बढ़कर ख़ुदा से कोई अदालत न हो सकी। आँखों में आँसुओं को छुपा लो भी अब 'किरण' बढ़कर ख़ुदा से कोई अदालत न हो सकी।
जो चाहत बसी थी दिल में, वहाँ कोई और दिल्लगी करके बाजी मार ले गया जो चाहत बसी थी दिल में, वहाँ कोई और दिल्लगी करके बाजी मार ले गया
बस तेरी यादें ही तो है इस तन्हाई में जीने का सहारा। बस तेरी यादें ही तो है इस तन्हाई में जीने का सहारा।
कभी मुझे लगता है कि बातों का भी जैसे कोई एकाउंट होता है... कभी मुझे लगता है कि बातों का भी जैसे कोई एकाउंट होता है...
मेरे मन के पूजाघर मे, वो पूजा की थाली है.. होली के रंगो जैसी वो, उससे ही दीवाली है। मेरे मन के पूजाघर मे, वो पूजा की थाली है.. होली के रंगो जैसी वो, उससे ...
मुझको कोई भी अब खरीद सकता नहीं संग रहकर मेरे दाम अनमोल हो जायेंगे मुझको कोई भी अब खरीद सकता नहीं संग रहकर मेरे दाम अनमोल हो जायेंगे
गिरने के कई मुक़ाम् यह अलहदा बात है हर मुक़ाम् एक शिकवा है। गिरने के कई मुक़ाम् यह अलहदा बात है हर मुक़ाम् एक शिकवा है।
दो पल की ही सही, जो खुशी है, उस खुशी में ही खुश रहो। दो पल की ही सही, जो खुशी है, उस खुशी में ही खुश रहो।
छलकते प्यार को अपने लिए देखा है आपकी आँखों मेें कभी। छलकते प्यार को अपने लिए देखा है आपकी आँखों मेें कभी।