Poem, Stories, Quotes
हर युद्ध के बाद बिखरी लाशों के संग बिखरी होती हैं बुलेट और ग्रेनेड की खाली खोलियाँ हर युद्ध के बाद बिखरी लाशों के संग बिखरी होती हैं बुलेट और ग्रेनेड की खाल...
औरतों ने अब बोलना शुरू किया है, ये महज़ अफ़वाह है, औरतों ने अब बोलना शुरू किया है, ये महज़ अफ़वाह है,
संबोधित अपनी प्रेमिका को अनगिनत नामों से, संबोधित अपनी प्रेमिका को अनगिनत नामों से,
ये बच्चे गर्भ में होते हैं अंकुरित, अश्रु की उस बूंद से, जो उनकी माँ की आंखें घोंट लेती... ये बच्चे गर्भ में होते हैं अंकुरित, अश्रु की उस बूंद से, जो उनकी माँ की...
यूं तो माँ की आँखें छिपाती है मुझसे की, वो मेरी फ़िक्र करती है मगर मालूम है मुझको की, माँ खामोशी में ... यूं तो माँ की आँखें छिपाती है मुझसे की, वो मेरी फ़िक्र करती है मगर मालूम है मुझको...
एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया। एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया।
कईं बार जी करता है अपनी खुली छत की जवानी को'Boundary-Wall' की लगाम से बाँध दूँ कईं बार जी करता है अपनी खुली छत की जवानी को'Boundary-Wall' की लगाम से बाँध दूँ
आड़े-टेढ़े फनदो के बीच सुलझती ज़िंदगी! आड़े-टेढ़े फनदो के बीच सुलझती ज़िंदगी!
रात में उठकर,जब वो पूछती अक्सरमाँ, पापा अब क्यों नहीं आते?तो मैं अब खामोश रहती हूँ। रात में उठकर,जब वो पूछती अक्सरमाँ, पापा अब क्यों नहीं आते?तो मैं अब खामोश रहती ह...
आज कल ‘अमीरी’ मौत बन कर घूम रही है सड़कों पर गाड़ियों के ’स्टीयरिंग’ के पीछे बैठे हुए आज कल ‘अमीरी’ मौत बन कर घूम रही है सड़कों पर गाड़ियों के ’स्टीयरिंग’ के पीछे बैठे ...