पलकों पर तुझे बिठाएंगे
पलकों पर तुझे बिठाएंगे
ज़ख्म तो सभी देंगे लेकिन, मरहम तू बन जाना
साथ तेरे है ऊपरवाला, फिर किस लिए घबराना
न खले किसी को तेरा होना, अखरे तेरा न होना
ये भी जरूर होकर रहेगा, तू सब्र कभी न खोना
बदली हवाएं देखकर, निराशा कभी मत पालना
स्वार्थ के दलदल से तू, अपनों को ही निकालना
समझना उनको अभागा, जो तुझको ठुकराएंगे
गलती जब समझ आएगी, पास तेरे सब आएंगे
तन्हाई है बस कुछ पल की, संग तेरे सब आएंगे
नेक इरादे देखकर तेरे, पलकों पर तुझे बिठाएंगे