पिता
पिता
चमकते तारों के बारे में हम सबने सुना हैं,
वो बड़े भी और उनका वजन दो गुना हैं,
चमकते सूरज के प्रकाश से यह सब जानते,
उसी तरह बेटे के लिए पिता का भी होना हैं।।
बेफिक्री भरी बेटे की जिंदगी इसलिए,
पिता बैठा होता है फिक्र करने के लिए,
गलती भारी हो जाए तो माफ कर भी दे,
बेटा बाप के साये में जीवन आसानी से जीये।।
रखे ध्यान बेटा जाता कब किस गली में,
रोके टोके जब भी जाए पैर गंदी नली में,
बिन पिता के आसरा आसान नहीं राह,
लल्ला होता उनका मोह प्यार देखे लल्ली में।।
पूरी जीवन चिंता पिता को बेटा सुखी होय,
पानी की तरह पी लेते यदि खुद दुखी होय,
हरदम होती हैं उम्मीद और प्रार्थना प्रभु से,
वो रहे चाहे जैसे मगर औलाद न भूखी होय।।
