पिता( सुपरमैन )
पिता( सुपरमैन )
एक पिता बच्चों के लिए किसी सुपरमैन से कम नहीं होता,
अपने सपने भूलाकर वो बच्चों के सपनों के लिए है जीता,
धैर्य और संयम से परिपूर्ण पिता अपने बच्चों की ताकत है,
चाहे कोई भी हो परेशानी बच्चों के लिए हाज़िर हर वक्त है,
धरती सा धीरज है एक पिता में तो आसमान सी है ऊंचाई,
हर मुश्किल में ढाल बनकर खड़ा हो जाता बनकर परछाई,
अपने हिस्से की भी खुशियाँ लुटा देता वो बच्चों की शान है,
ऊपर से सख्त अंदर से कोमल यही तो पिता की पहचान है,
हर चाहत पूरी करता संतान की कदमों में रखता जहान है,
औलाद के लिए हर मुश्किल से टकरा जाता ऐसा इंसान है,
जिंदगी के लिए खुशी का रास्ता बनाता पिता वो हिम्मत है,
हर मुश्किल से डट कर लड़ना सिखाता पिता वो ताकत है,
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संतान के सपनों को पूरा करने में पिता जी जान लगाता है,
खुद के लिए न सोचता कभी ऐसा उसका बलिदान होता है,
बच्चों के लिए उसका पिता सबसे ताकतवर इंसान होता है,
चाहे कैसी भी परिस्थितियां पिता का प्यार नहीं बदलता है,
पिता के गुस्से में संतान के लिए केवल प्यार छुपा होता है,
कड़वी बातें कहता कभी-कभी क्योंकि वो परवाह करता है,
संभाल लेता है हर बार वो संतान के लड़खड़ाए कदमों को,
अपनी खुशियाँ त्याग, सर्वोपरि रखता संतान की इच्छा को,
हर परिस्थिति से लड़ना सिखा कर कुशल योद्धा बनाता है,
पिता वो इंसान है जो औलाद को जीने की राह दिखाता है,
जीवन भर करता है वो भागादौड़ी कभी नहीं है उसको चैन,
इसलिए तो हर बच्चे के लिए उसका पिता होता है सुपरमैन।