पिछले जन्म के पुण्य कर्मों का फल
पिछले जन्म के पुण्य कर्मों का फल
पिछले जन्म की बात करते हैं । पिछले जन्मो /जन्म में हम क्या थे।
हो सकता है हम किसी राजा की संतान हो।
हो सकता है हमकोई सिद्ध। आत्मा हो।
हो सकता है हम कोई धर्मिष्ट परिवार से हों।
कुछ ना कुछ तो अच्छा ही होगा।
क्योंकि इस जन्म में जो मिला है वह पिछले जन्म का कर्म फल होता है।
और पिछले जन्म में हमने पुण्य करे होंगे।
तभी तो इस जन्म में इतने प्रतिष्ठित परिवार में जन्म ले इतनी अच्छी जिंदगी पाई।
आप लोगों का साथ पाया। दीन दुखियों की मदद करने का जज्बा पाया।
इतना अच्छा परिवार पाया।
इतना अच्छा जीवन पाया। भगवान के जन्मदिन के अवसर पर अपना जन्मदिन पाया।
जैन धर्म के तीर्थंकर श्री पारसनाथ भगवान के जन्मदिन के दिन ही हमारा जन्म दिवस है।
इसीलिए हमने प्रतिष्ठित जैन परिवार में जन्म पाया है।
शादी के बाद इतना प्रतिष्ठित परिवार पाया है।
जहां सब एक दूसरे से प्रेम की डोर में बंधे हैं
अपने घर मंदिर में पूरे गांव का अंबा माता का मंदिर बनवाने का सौभाग्य पायाहै।
पिछले सारे जन्मों का कुछ ना कुछ तो अच्छा ही रहा होगा। और सोचते हैं आगे भी सब अच्छा ही रहेगा ।
बाकी तो अपना बीता जन्म किसने देखा है।
और बीता हुआ कल किसने देखा है।
पिछले जन्म को हम नहीं जानते, मगर उस जन्म में करे हुए करम का फल हम इस जन्म में पा रहे हैं।
और इस जन्म का अगले जन्म में पाएंगे।
पीढ़ी दर पीढ़ी यह चलता ही रहने वाला।
बीता हुआ, आज और कल आने वाला कल तीनों ही अच्छे हैं और अच्छे रहेंगे।
इस विश्वास के साथ हम यह कहते हैं कि हमारा पिछला जन्म भी बहुत अच्छे परिवार में रहा होगा।
क्योंकि हम भी राज परिवार की 32 वीं पीढ़ी की संतान है।
जिस पर हमको नाज है।
हो सकता है उस परिवार में से ही किसी पीढ़ी में रहे हो और हमारा पुनर्जन्म हुआ।
वही हमारा पिछला जन्म हो।