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Bajrangi Lal

Inspirational

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Bajrangi Lal

Inspirational

फूलन सी मर्दानी चाहिए

फूलन सी मर्दानी चाहिए

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जो सदियों से करता आया है,तुझ पर अत्याचार।

वह पुरुष नहीं बचा सकता तेरी इज्ज़त,ऐ!स्त्री लाचार।

मुझे नहीं अब उस पांचाली जैसी जिन्दगानी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए।।

कोर्ट-कचहरी,पुलिस और थाने,सब हैं लूटनहार।

जहाँ भी जाती है तूँ ,तुझ पर होते अत्याचार।

पुरुष समाज के पैरों तले दबी नारी की,अब वो नहीं कहानी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए।।

जब सत्ता के सत्ताधारी भी,करने लगें बलात्कार।

ऐसे हाल में किससे कहेगी,हुआ है जो तुम पर व्यभिचार।

सुनों बेटियों देश में अब इनकी कुर्बानी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए।।

जिसे समझती रही है नारी तूँ अब तक,अपना खेवनहार

वही तुम्हारी इज्ज़त को बैठा है,लूटन तैयार।

ऐसे व्यभिचारियों की अब बली चढ़ानी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए।।

स्त्री के ही गर्भ से निकला,है तुझको धिक्कार।

प्यार की भाषा समझ न पाया,करता है बलात्कार।

ऐसे पुरुषों की चौराहों पर,शूली चढा़नी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए।।

हिन्दुस्तान में,वसुधैवकुटुम्बकम् का हो फिर से निर्माण।

माँ,बेटी,बहन किसी पर भी ना होने पाए अत्याचार।

बलात्कारियों को पवन,मुकेश,विनय,अक्षय सी फाँसी होनी चाहिए।

जो काटे बलात्कारियों के सिर,उस फूलन सी मर्दानी चाहिए ।।



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