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Bajrangi Lal

Others

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Bajrangi Lal

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दिवाली मनाइए।

दिवाली मनाइए।

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ऊंच-नीच, जाति-भेद, रंग-रूप, क्षेत्रवाद,

राग-द्वेष भूल सब, प्रीति बरसाइए।

धर्म से अधर्म को व, प्रेम से घृणा की जो भी,

बह रही हैं आंधियां, दिल से मिटाइए।

है पड़ोस में तुम्हारे, आज भी गरीब कोई,

फर्ज़ आपका है एक, दीपक जलाइए।

हंसी-खुशी, प्यार से ही, मिल-जुल गले सभी,

कहता है बजरंगी, दीवाली मनाइए।।



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