तभी समझो दीवाली है।(नज़्म)
तभी समझो दीवाली है।(नज़्म)
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उचित शिक्षा, सही हो स्वास्थ्य, तभी समझो दिवाली है,
सभी के घर जले दीपक, तभी समझो दिवाली है।
ना हो कहीं देश में दंगा, न बातें हों हिक़ारत की,
अमन हो सब जगह सुन लो, तभी समझो दीवाली है।
रहें सब भूलकर जाति, धरम और भाव नफ़रत के,
सभी के दिल में हो बस प्यार, तभी समझो दीवाली है।
न हिन्दू हो यहां कोई न कोई हो मुसलमां जब,
सभी के दिल में हिन्दुस्तां, तभी समझो दीवाली है।
मेरी मानो अगर तुम राय, कहे "बजरंग" ए सबसे,
मिलें सब प्रेम भर दिल में, तभी समझो दीवाली है।।
