मुक्तक
मुक्तक
संघर्षों के दिन है जब तक, हॅंसने दो तुम सारे लोग,
मिलेगी मंजिल तुमको भी, हिम्मत को मत हारें लोग।
जो चलने से रुक जाते हो, हार उसी दिन निश्चित है,
फिर सबसे कहते फिरते हो, हम किस्मत के मारे लोग।।
संघर्षों के दिन है जब तक, हॅंसने दो तुम सारे लोग,
मिलेगी मंजिल तुमको भी, हिम्मत को मत हारें लोग।
जो चलने से रुक जाते हो, हार उसी दिन निश्चित है,
फिर सबसे कहते फिरते हो, हम किस्मत के मारे लोग।।