घनाक्षरी
घनाक्षरी
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तन-मन-धन सब, वार जिस दिन आप,
काम कोई करने को, आगे बढ़ जाते हैं।
पग-पग पर जब, आ जाए चुनौती कोई,
फिर भी न पग आप, पीछे को हटाते हैं।
आती परेशानियां हों, राहों में हजारों किन्तु,
मन में उमंग भर, आगे बढ़ जाते हैं।
कहते हैं "बजरंगी", निश्चय ही एक दिन,
दुनिया में ऐसे लोग, सफल हो जाते हैं।।