पहली बार
पहली बार
जब पहली बार चलना सिखा था मैंने
माँ-बाप ने हाथ थामा था
ऊँगली पकड़ कर उनकी
मैंने आगे बढ़ना सिखा था
पर जिंदगी के सफर में
उम्र का एक पडाव ऐसा भी आता है
जब खुद के दम पर
रास्ता तय कर दिखाना होता है।
जब पहली बार चलना सिखा था मैंने
माँ-बाप ने हाथ थामा था
ऊँगली पकड़ कर उनकी
मैंने आगे बढ़ना सिखा था
पर जिंदगी के सफर में
उम्र का एक पडाव ऐसा भी आता है
जब खुद के दम पर
रास्ता तय कर दिखाना होता है।