पहला प्यार
पहला प्यार
सूरज की पहली किरण हो तुम
सावन की पहली बरसात
ताज़ा फूलों की खुशबू हो तुम
तुम देती हो ज़िन्दगी का एहसास
तारों सी तुम चमकती हो
नदियों के पानी जैसी बहती
हर रंग अच्छा लगने लगे
तुम में है इतनी शक्ति........
न भूख है न प्यास है
न किसी तरह का एहसास है
न मोह है न माया है
न लालच न ईर्ष्या है
बस तुम्हारा ही इंतज़ार
की देख लू सिर्फ तुम्हें एक बार
देखते ही हो जाए सारे ख्वाब पूरे
की लगता है बस इसी पल का था इंतज़ार...
चैन खो गया सारा
की दिल में भी दर्द होता है
धड़कता है जरूर मगर
लेकिन उखड़ा-उखड़ा सा रहता है
अपनी तकलीफ क्या बताऊँ तुम्हें
तुम समझ न पओगे
इस दिल का क्या हाल बयान करूँ
की लफ़्ज़ों ने ही साथ छोड़ दिया हमारा
जब से तुमसे प्यार हुआ
सीने में दर्द का गुबार हुआ
सच्चे प्यार का एहसास हुआ
तुम्हीं बस तुम्हीं से प्यार हुआ
बिताना चाहता हूँ अपनी सारी ज़िन्दगी
बस तुम्हारी यादों में
कि मौत भी आ जाए अगर
तो Haas ke ले लूँ उसे अपनी बाँहों में...
प्यार को समझना मेरे बस की बात नहीं
एक ऐसा एहसास है जिसकी कोई आवाज़ नहीं
लेकिन यह भी सच है की
हर सोच रह जाएगी अधूरी
अगर इसका साथ नहीं
यह प्यार अजीब चीज़ है
जिसकी कोई आवाज़ नहीं.......।।