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Vijay Patil

Inspirational

4  

Vijay Patil

Inspirational

फिर भी....

फिर भी....

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इतने साल हो गए 

फिर भी

यह शहर नया लगे


इतने बार मिला

फिर भी

हर शख्स नया लगे


हँसना चाहता हूँ

फिर भी

हर रोज़ रोता हूँ


प्रेम करना चाहता हूँ

फिर भी

हर बार ठुकराया गया हूँ


शांति पसंद करता हूँ

फिर भी

शोर से घिरा रहता हूँ


दूर जाना चाहता हूँ

फिर भी

एक कदम चल नहीं पाता हूँ


राह में दीये जलाता हूँ

फिर भी

हर क़दम ठोकर खाता हूँ


हर रोज़ जीना चाहूँ

फिर भी

हर रोज़ मरता हूँ


थक सा गया हूँ

फिर भी

मायूस नहीं हूँ



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