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Sarita Dikshit

Inspirational

4.6  

Sarita Dikshit

Inspirational

फिर आओ हे रघुराई

फिर आओ हे रघुराई

1 min
528



धरती पर विपदा छाई 

फिर आओ हे रघुराई


कितने रावण हर राह में हैं 

सीता को हरने को आतुर,

अब ना कोई लक्ष्मण जैसा 

ना कोई पवनसुत सा चातुर,

हर मानव में बस रावण है

असुरक्षित सीता माई,

लेकर अपनी बानर सेना 

फिर आओ हे रघुराई।


अब कोई भाई नहीं तुमसा

भाई के लिए जो त्याग करे,

तुम सा ना कोई संतान यहाँ

मात-पिता हेतु जो कष्ट सहे,

अब कहाँ मित्र तुमसा पाएँ

लाचारी कैसी छाई,

लेकर अपने सद्गुण विचार

फिर आओ हे रघुराई।


फिर सत्य मार्ग पर चलें सभी 

हो दुनिया में फिर रामराज्य,

हर बालक में श्री राम बसे

हो सफल सभी हनुमंत काज,

सत्य, अहिंसा, प्रेम, धर्म के

गुण सब में दे दिखाई,

फिर से लो हे अवतार राम

फिर आओ हे रघुराई।



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