STORYMIRROR

nutan sharma

Inspirational

4  

nutan sharma

Inspirational

फागुन की फुहार

फागुन की फुहार

1 min
323


फागुन की फुहारों में।

मस्ती के नजरों में।

मन मेरा खोया है।

रंगों की बहारों में।


कान्हा संग पिचकारी। 

मैं रंग उडाऊंगी।

अबीर लगाऊंगी। 

मेरे मन में है गिरधारी।


जब सामने अपने में।

नंदलाल को पाऊंगी।

नीले अंबर में ।

फिर गुलाल उडाऊंगी।


मैं गोपी बन जाऊंगी।

ढोल मृदंग बजाऊंगी।

आएंगे जब वो बरसाने

मिष्ठान खिलाऊंगी।


बनवारी संग होली में।

मैं धूम मचाऊंगी। 

वृंदावन की कुंज गलियन में।

लुक छुप जाऊंगी।


सखियों संग टोली में।

रजत कलश में रंग घोल जाऊंगी।

पीतांबर भी रंग दूंगी उनका।

श्यामल रंग को भी रंग में कर जाऊंगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational