पीतांबर भी रंग दूंगी उनका। श्यामल रंग को भी रंग में कर जाऊंगी। पीतांबर भी रंग दूंगी उनका। श्यामल रंग को भी रंग में कर जाऊंगी।
थाल सजाकर किसे पूजने चले प्रात ही मतवाले कहां चले तुम राम नाम पितांबर तन पर डाले। थाल सजाकर किसे पूजने चले प्रात ही मतवाले कहां चले तुम राम नाम पितांबर तन पर ...
उदय हुआ उस ललित निर्झर से , श्वेत वर्णित रसूल। उदय हुआ उस ललित निर्झर से , श्वेत वर्णित रसूल।
नव ज्योत दीप का नव नैन प्रीत का नव वर्ष नील रस नव ज्योत दीप का नव नैन प्रीत का नव वर्ष नील रस