आजकल बैठे बैठे ख्याल कभी ये आता है। कहाँ गया वो बचपन मेरा जिससे मेरा नाता है। आजकल बैठे बैठे ख्याल कभी ये आता है। कहाँ गया वो बचपन मेरा जिससे मेरा नाता है।
नव ज्योत दीप का नव नैन प्रीत का नव वर्ष नील रस नव ज्योत दीप का नव नैन प्रीत का नव वर्ष नील रस