पैसा
पैसा
दुख-दर्द कम हो किसी का ऐसे काम मे उलझे कौन,
नज़र तिजोरी पर होती है, दिल के बोझ को समझे कौन,
अंदर ही अंदर चलती कितनो की चोर बाज़ारी है।
लोग नज़र रखते है, किसकी जेब कितनी भारी है।
कोई नहीं जानेगा लोगों का रवैया कैसा है।
दुनिया उसको ही माने जिसके ज़ेब में पैसा है।