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Garima Sharma

Inspirational

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Garima Sharma

Inspirational

ये मैं हूँ

ये मैं हूँ

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नहीं चाहती मैं अपने दुखो को गाना इस हृदय में छिपी वेदना को बताना 

डर लगता है उस बेचारे पन को भावना से बस छिपा लेती हूँ हर दुःख,

बस एक ही कामना से कामना है उड़ान मेरे सपनों की होगी हर इच्छा पूरी मेरे अपनों की

सुना 'है कामयाबी हर दर्द भूला देती हैं सफर का संघर्ष कठिन हो तो रुला देती है

बस ये कामयाबी का सफर ही मुझे पकड़ना है, जिन्दगी के हर संकट से डटकर लड़ना है 

पता है ये भावना मुझमें कहाँ से आयी मेरी कविताओं ने मुझे कदम-कदम पर साथ दिया

किसी ने नहीं पूछा कि मैं क्यों लिखती हूँ ये मेरे खुश होने का जरिया है जनाब,

तभी तो खुश दिखती हूँ ये कागज गद्दार नहीं है अब मैंने जाना है 

कलम की ताकत को मैंने दिल से पहचाना है 

मेरे शब्द, मेरे गम के घावों को भरते है 

हँसती हूँ हर क्षण, क्योंकि लोग मेरी कमियों को परखते है।

मौन रहना, मेरी हँसी, मेरे उत्साह के बीज बोती है.

गरिमा इस उत्साह में अपने अस्तित्व की कहानी खोजती है 

यही मेरा स्वाभिमान और विश्वास है हर क्षण बढ़ती प्रेरणा की आस है 

यही प्रेरणा मेरे संघर्ष की कहानी लिखेगी और कभी भी प्रतिभा तारीफ की मोहताज नहीं होगी।



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