ज़िंदगी
ज़िंदगी
ए जिन्दगी, एक मुलाकात करनी है तुझसे
अकेले में बैठकर मिलना मुझसे एक बार
कई बातें करनी है
कई सारी यादें याद करनी है
आखरी बार.....
मेरी मंजिल मिल जाने के बाद,
क्योंकि अभी सारी बातें, सारी यादें
मुझे प्रेरित करती है नयी ऊर्जा देती है
बहुत कुछ करने की...
पर मिलना मुझसे तू एकबार
मुझे मेरी खामोशी याद करनी है
याद करना है मुझे मेरे मौन को
ताकि मैं बोल पांऊ
बहुत कुछ ....
ये रुखी आँखे
जो अकेले में भीग जाया करती है
वो मुझे बार-बार प्रेरित करती है
अधूरे सपने को पूरा करने के लिए
मेरी प्रेरणा का ओहदा
मेरे सपनों से भी ऊँचा है
जो कभी मुझे ना झुकने देगा
ना टूटने देगा....
बस उसी प्रेरणा को याद करना है
आखरी बार तुझे जीने के लिए
इसलिए कह रही है
एक मुलाकात करनी है तुझसे अकेले में बैठकर।