शीर्षक: वो दिन
शीर्षक: वो दिन
वो दिन आज भी...
जब तुम और मैं आपस में
मिले थे पहली बार
याद आता हैं वो पल
गले मिलने की वो बात।
वो दिन आज भी...
तुम तो चले आये थे मिलने
मेरे एक निमंत्रण पर
ओर पीछे छोड़ गए एक
प्यारा सा अहसास।
वो दिन आज भी...
कुछ बाते जो छोड़ गए थे
मेरे लिए प्रश्न जैसे
मैं खोजती रही उत्तर दर उत्तर
खंगालती रही बात दर बात।
वो दिन आज भी...
साथ बैठ की थी हमने ढेर बाते
मिलने का वादा लिए साथ हम
लौट आये अपने अपने गंतव्य
फिर से कभी मिलने के लिए
वो दिन आज भी...
अचानक फिर मिली मैं तुमसे
कुछ अपनेपन का अहसास लिए
और तुमने भी मेरे अंतर्मन को
परख कर जाना मुझे करीब से
वो दिन आज भी...
अब हम साथ साथ हैं
हर रोज मिलन के लिए
हर बार, बार- बार, हम साथ- साथ
हमेशा के लिए दोनों हम दोनों।