पावन नवरात्रि
पावन नवरात्रि
आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज मां का आगमन हुआ है द्वार।
सबकी मनोकामना पूर्ण हो जाएं
शुद्ध मन से भक्ति होगी स्वीकार।
अंबे, जगदंबा , दुर्गा, शैल पुत्री रूप
लाल चूनर में सुहागिन का सिंगार।
कांपने लगती धरती और आसमान
जब लेती हैं मां काली का अवतार।
रौद्र मुख हो रक्त टपकता रहता है
राक्षस का अंत करने थामी कटार।
गलती को क्षमा करना कृपा रखना
पापी का करे संहार सिंह पर सवार।
जब तक जीवन पूजन करती जाऊं
सुख शांति मिले आके तेरे दरबार।