STORYMIRROR

डॉअमृता शुक्ला

Inspirational

4  

डॉअमृता शुक्ला

Inspirational

गुरू को नमन

गुरू को नमन

1 min
360

ज्ञान से संचित उपवन को, 

शिष्यों को देकर दान में। 

जिनका दर्जा ऊंचा इतना, 

हर जगह सम्मान में।

यदि ईश और गुरु खड़े हों, 

गुरु बड़े हैं मान में। 

करे आदर सदा उनका ,

उनकी बातें रखे ध्यान में। 

आदर्शों की सीख उनकी,

गुंजित हो संसार में।

कच्ची माटी को बनाएं,

जो नए आकार में। 

पढ़ - लिखकर कर सकें

आकाश में अपना नाम

गर्व हो देश समाज को

पा सके ऐसा मुकाम। 

हम आज करते गुरु को

बार--बार नमन और प्रणाम।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational