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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Abstract Tragedy Action

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Abstract Tragedy Action

पापी पेट

पापी पेट

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पापी पेट का सवाल, 

न शर्म, न हया, न लाज

जिंदगी रही तो फिर 

अर्जित होगा सम्मान!!

पेट से जिंदगी, भूख, 

पेट की आग रोटी पेट, 

भूख की आग का प्यार,

 पानी, जिंदगी का आधार!!

पेट की ही बात पुरानी है,

 कहावत मशहूर भूखे 

भजन न होई गोपाला, 

भूख पेट की ज्वाला!!

भूख में भगवान भी 

अच्छे नहीं लगते 

शैतान जैसे दीखते!

भूखा इंसान कोसता 

पहले भाग्य, समय,

 भगवान!!

पेट की आग अंगार, 

भूख की शक्ल में 

अक्ल ढक देती,!

पापी पेट के लिए 

जाने क्या-क्या कर 

जाता इंसान!!

जुआरी, चोर, डाकू, 

नौकर, गुलाम मात्र 

पापी पेट का 

सवाल!!

पापी पेट,जन्मभूमि से 

नाता तुड़वाती सारे 

रिश्ते, नातों से दूर 

ले जाती!!

अपने हो जाते, सपने 

गैरों की चाकरी

तलवे चटवाती,!!

पापी पेट खातिर

नाचता इंसान, जाने 

क्या-क्या बन जाता 

इंसान!!

पापी पेट का रिश्ता 

रोटी से रोटी का रिश्ता 

मेहनत से!

पापी पेट के चक्कर में

मेहनत, मजबूरी,

 मजदूरी, मजलूमियत, 

किस्मत, कर्म प्रधान!!


- नंदलाल मणि त्रिपाठी, पीतांबर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश


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