पानी तेरे कितने नाम
पानी तेरे कितने नाम
पानी तेरे कितने नाम
पानी आकाश से गिरे तो बारिश
आकाश की ओर उठे तो भाप
अगर जम कर गिरे तो ओले
अगर गिर कर जमे तो बर्फ
फूल पर हो तो ओस
फूल से निकले तो इत्र
जमा हो जाए तो झील
बहने लगे तो नदी
सीमाओं में रहे तो जीवन
सीमाएं तोड़ दे तो प्रलय
आँख से निकले तो आँसू
शरीर से निकले तो पसीना
और श्री हरी के चरणों को छूकर
निकले तो चरणामृत प्रलय।