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Deepak Kumar jha

Tragedy Others

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Deepak Kumar jha

Tragedy Others

इंसान को डसने के काम आएगा

इंसान को डसने के काम आएगा

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बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,

अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा

आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोड़ कर

अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!


गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया कि

इंसान हमसे अच्छा नोचता है!

कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर, क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!

कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,


मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है।

जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,

जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!

ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं

इसमें कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है।

धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान

अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम "

और babu_gothwal मटुढ वाले लिखते हैं:

"कुत्तों से सावधान"


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