मेरे कृष्णा
मेरे कृष्णा
जग पालक है तू, सुख दायक है तू मेरे कृष्णा मेरे कान्हा मेरा सहायक है तू !!
मुझमें है तू,
सब में है तू, मेरे कन्हैया हर नाम में है तू !!
सृष्टि का आरंभ है तू, सृष्टि का अंत है तू,
मेरे गोपाल, अजन्मा अनंत है तू !!
मोर मुकुट से सजता है तू बांसुरी बजाइए, मनमोहन है तू !!
माखन का भोग लगाए, मिश्री सी तेरी मुस्कान है,
मेरी भक्ति है तू, और तू ही आन मान सम्मान है !!
तू थाम ले हाथ जिसका, उसको ना रहे डर किसी का,
फिर ले चले तू जिस राह पे, वो राह बन जाये स्वर्ग उसका !!
परमात्मा है तू, परमेश्वर है तू, जग करता जगदीश्वर है तू !!
मेरी आस्था है तू, मेरा विश्वास है तू,
मेरी हर कामयाबी में तू, और हर मंज़िल हर रास्ता है तू !!
हे कान्हा तुझ से करूँ प्रार्थना तुझे ही पाने की,
फिर सच तो ये भी है की, हर एक में बसता है तू !!
