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अजय पटनायक

Inspirational Others

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अजय पटनायक

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पानी (सार छंद )

पानी (सार छंद )

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टिप टिप करती बूंदें, बरसे देखो पानी।

बूढ़े बच्चे है भीग रहे, भीग रही है नानी।


रिमझिम करते बरखा आई, देखो खुशियाँ छाई।

कोमल कोमल पल्लव झूमे, हरियाली है लाई।


देख हँसाती देकर फसलें, करते काम किसानी।

टिप टिप करती बूंदें, बरसे देखो पानी।



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