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Sanjay Jain

Inspirational

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Sanjay Jain

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पानी है अनमोल

पानी है अनमोल

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पानी है अनमोल,

समझो इसका मोल।

जो अभी न समझोगे,

तो सिर्फ पानी नाम सुनोगे।


आने वाले वर्षों में,

पानी बनेगा एक समस्या।

देख रहे हो जो भी तुम,

अंश मात्रा है विनाश का।

जो दे रहा तुम को संकेत।

जागो जागो सब प्यारे,

करो बचत पानी की तुम।

बूंद बूंद पानी की बचत से,

भर जाएगा सागर प्यारा।।


बिन पानी कैसे जीयेंगे,

पड़े पौधे और जीव जंतु।

और पानी बिना मानव,

क्या जीवित रह पाएगा।

बिन पानी के वो, भी मर

जायेगा।

और भू मंडल में कोई,

नजर नहीं आएगा।

इसलिए संजय कहता है,

नष्ट न करो प्रकृति के

सनसाधनों को।।


बचा लो पानी वृक्षों और

पहाड़ों को।

लगाओ और लगवाओ,

वृक्षों को तुम अपनों से।

कर सके ऐसा कुछ हम,

तभी मानव कहलाओगे।

पानी विहीन भूमि में,

पानी को तुम पहुँचोगे।

और पड़ी बंजर भूमि को,

फिर से हरा भरा कर पाओगे।

और एक महान कार्य करके,

दुनिया को दिखाओगे।।



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