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Jayantee Khare

Abstract

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Jayantee Khare

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नज़रिया

नज़रिया

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कुछ नज़रअंदाजी का कमाल

कुछ हो नज़रिये में दुरुस्ती,


जब होती कमज़ोर नज़र

सीखें दुनियादारी का हुनर,


कुछ लगे ख़बर कुछ हों बेख़बर

बनें जरा सा अहल-ए-नज़र,


हर तरफ दिखे नज़राने

बदले बदले लगे नज़ारे !


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