नज़रिया
नज़रिया
सब नज़रिए का
खेल है बस,
वर्ना लोगो को
चाँद की ख़ूबसूरती में भी
दाग नज़र आ जाते है...।
सब नज़रिए का
खेल है बस,
वर्ना लोगो को
चाँद की ख़ूबसूरती में भी
दाग नज़र आ जाते है...।