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Pinky Lavakumar

Romance

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Pinky Lavakumar

Romance

नज़र

नज़र

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नज़र न आया करो हमें तुम…

न ख़्वाब में, न हक़ीकत में


नज़र जो कभी आ गए तो…

तुमसे नज़र चुराए हम कैसे ?


रोक नहीं सकते हम फिर…

अपनी इन्हीं दो नज़रों को


तुम्हें नज़र में भर लेंगे, तुम भी

हमसे नज़रें फेरोगे कैसे ?


नज़र-नज़र से टकरा गई तो...

हमारी नज़र ही लग जाएगी


हज़ार कोशिश फिर तुम कर लो...

नज़रों से हमारी दूर रहोगे कैसे ?


हमारी नज़रें झुक जाती है…

खता न समझना इनकी तुम


इन नज़रों में बसा लिया है…

और नज़र कोई आए फिर कैसे ?


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