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Anita Koiri

Abstract Classics

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Anita Koiri

Abstract Classics

नये सुबह का नया सूरज

नये सुबह का नया सूरज

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नये सुबह का सूरज

कुछ कहता, कुछ कहता है,

कहता, सदैव कर्त्तव्य पर तुम अडिग रहो।


नये सुबह की नन्ही चिड़िया

चहचहाती हुई गाती है,

गाती है, वह मीठे स्वर में

मिठास अपनी तुम भी बांटो।


नये सुबह की नई लाली

कुछ नई बात बताती है,

बताती है,तुम फिर से नई शुरुआत करो।

नये सुबह का नया सवेरा,

नए संदेश और नव संवादों से भरा।


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