Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukul Kumar Singh

Inspirational

4  

Mukul Kumar Singh

Inspirational

_नया सूर्यायान बना डालो

_नया सूर्यायान बना डालो

1 min
215


लोहित शिखा भूवन भाष्कर की, काले मेघों से ढंक जाती है

त्याग-वीरता आत्म बलिदानों की, विस्मृत हो छुप जाती है

आज तन-मन-धन समर्पण, चन्द शब्दों के जाल में सिमट जाती है


श्नै: - श्नै: सुखी जीवन के सपने में, देश-काल का कोई मोल नहीं

शायद वो लोग पागल थे, जिनके समक्ष मानवता हीं मूल था

काल-चक्र कभी थमा नहीं, कोई आंधी को कभी रोका है क्या

राख के अन्दर दबी अग्नि को, कभी किसी ने कुरेद देखा है क्या


नाचो-गाओ, मौज-मनाओ, यही दासता की है पहचान

एक सेकेंड में दौलत अर्जीत, वर्तमान में सस्ती स्वभीमान

अदम्य साहस से भरे युवा दल, मातृभूमि की आन हो

पुनः-पुन: दृष्टि डालो, जिन शब्दों में छिपा पूर्वजों की शान हो


कुछ याद करो उनको, जो समृद्ध एक भूम तुम्हे हंसते-हंसते दे गये

अपनी शैय्या कांटों पर बिछा, सारे कष्टों को झेल गये

जागो और जगाओ सबको, नया इतिहास लिख डालो

चंद्र को चंन्द्रयान ने जीता, सूर्य जीतने सूर्यायान बना डालो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational