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Archana Verma

Classics

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Archana Verma

Classics

नया साल

नया साल

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देखो फिर एक नया साल जुड़ गया

हर बात वही घात वही

फिर से उसे ठीक करने का

नया ज़ज्बा जुड़ गया

देखो फिर एक नया साल जुड़ गया


बहुत कुछ देखा और सीखा बीते साल में

बहुत कुछ मिला भी मुफलिसी के हाल में

उस ऊपर वाले के करम से मैं

मैं हर वार सह गया

देखो फिर एक नया साल जुड़ गया


कुछ मेरे अपने थे जो दूर हो गए

जो दूर थे और मसरूफ हो गए

खुद अकेला चल सकने का

नया संकल्प जुड़ गया

देखो फिर एक नया साल जुड़ गया


ये साल और बीता पल फिर नहीं आएगा

इसकी याद में, अपने सफ़र को साहस

से जीने का जश्न तो बनता है


फिर मैं जीता या हारा क्या फर्क पड़ता है

अपनी खुशियाँ और गम बाँट लेने को

आप सबका साथ जुड़ गया

देखो फिर एक नया साल जुड़ गया


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