नवयुग का आगाज करें
नवयुग का आगाज करें
जो बांधे हमको, नफरत की जंजीरों से,
ऐसे धर्म का, आओ मिलकर श्राद्ध करें,
नवयुग का आगाज करें...
मेरा-तेरा कहकर, कर दे दिल का बंटवारा,
ऐसे ठेकेदारों का आओ मिलकर श्राद्ध करें,
नवयुग का आगाज करें...
रोजी नहीं, रोटी नहीं, ना ले सुरक्षा का भार,
ऐसे नेताओं का आओ मिलकर श्राद्ध करें,
नवयुग का आगाज करें...
देश में नफरत फैलाते हैं, जबकि देश का ही खाते हैं,
ऐसे गद्दारों का, आओ मिलकर श्राद्ध करें,
नवयुग का आगाज करें...
बुरी नजर से जिनकी हर लड़की भयभीत हुई,
ऐसे दानव का आओ मिलकर श्राद्ध करें,
नवयुग का आगाज करें...