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Prem Thakker

Romance

4  

Prem Thakker

Romance

नववर्ष 2024

नववर्ष 2024

1 min
389


सुनो दिकु.....


इस नववर्ष में लौट आना

तुम्हारी यादों से यह दिल को अब और ना बहलाना


बातें बहुत-सी हो गयी है जो तुम से करनी है

मेरे अकेलेपन की खाली पड़ी है गहराइयाँ

उसे तुम संग मिलकर छलकते जाम की तरह भरनी है


बहुत हो गया तुम्हारा अनजान रूखापन

सुनो, अब और ना इठलाना

इस नववर्ष में लौट आना


तुम्हारी यादों से यह दिल को अब और ना बहलाना

मुज़े कोई शिकायत नहीं करनी तुम से

बस तुम्हारी तबीयत की फिक्र है

जब से तुम गयी हो इन होठों पर सिर्फ तुम्हारा ही ज़िक्र है


एकबार आके सिर्फ अपने हाल सुना जाना

सुनो, अब ना करना कोई बहाना

इस नववर्ष में लौट आना

तुम्हारी यादों से यह दिल को अब और ना बहलाना


*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*


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