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sargam Bhatt

Abstract

4  

sargam Bhatt

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नव वर्ष

नव वर्ष

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देखो देखो नव वर्ष है आया।

उम्मीदों की किरण जगाया।।


हम सबकी खुशियां है लाया,

उम्मीदों का किरण जगाया,

खुशियों में संसार समाया,

उम्मीदों का अलख जगाया।


देखो देखो नववर्ष है आया।

उम्मीदों की किरण जगाया।।


लोगों को निश्चिंत कराया,

वैक्सीन की खबर है लाया,

जिन नेताओं को जलन हुई,

उन्होंने है हड़कंप मचाया।


देखो देखो नववर्ष है आया।

उम्मीदों की किरण जगाया।।


नव वर्ष से उम्मीद नईं है,

खुशी विरोधी लोग कई हैं,

जिनको मेरी खुशियां ना भाया,

उनको लग गया गम का छाया।


देखो देखो नव वर्ष है आया।

उम्मीदों की किरण जगाया।।


बीते वर्ष से सीख लिया है,

खुद में ही अपनी खुशियां हैं,

जब खुद में खुद को ढूंढ लिया,

तब मेरा मैं रास ना आया।।


 देखो देखो नववर्ष है आया।

उम्मीदों की किरण जगाया।।



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