नव वधू
नव वधू
आँखों से अद्भुत प्रेम झलकता
मंद मंद मृदु मुस्कराती सी
कुछ अनजाना एहसास लिए
मन में नित नया उल्लास लिए
नव वधू सकुचाते सी
मन में उमंग विश्वास ले
नव वधू मंद मंद मुस्कुराए
सारे घर की जो रौनक रही
खुशियों से जो खनक रही
अंधियारे को मिटा कर रोशनी जीवन में जो बिखेर रही
चहुंओर जो नयी ऊर्जा फैलाए
नव वधू मंद मंद मुस्कुराए
नव वधू नव वर्ष सी जीवन में आई
स्वर्णिम आंचल में एश्वर्य लाई
सुख समृद्धि खुशियां जीवन में लाई
रीत जो आगे बढ़ाती
दो परिवारों की संस्कृति को जो जोड़े
नव वधू मंद मंद मुस्कुराए
नव वधू मुख पर ओढ़े रेशम का लाल घूंघट
जो उठे तो बाग में बयार बहे
सुरभित झुके नयनो से वह शर्म जाए निश दिन
भ्रमर रही उन्मुक्त मंडरा घर में इधर उधर
जिसकी काया छुई-मुई सी
कुछ अनजाना सा, कुछ अपनेपन का सफर
खूब सारा मन में विश्वास लिए
पिया संग नई दुनिया बसाने, पुरानी जिंदगी भुलाने
एक नए सफर पर चली
नव वधू मंद मंद मुस्काये
जो नाजुक फूल सी पंखुड़ियों सी
वैभव एश्वर्य से संपन्न
फूल सी लादी डाली सी
नम्र और झुक कर करती सभी बड़ों का अभिनंदन,
देती छोटे को प्यार व स्नेह
लाड माँ पिता का
स्नेह भाई बहनो का ले के चली
नंद देवर में देखे वह इनकी छवि
सभी के मन में स्नेह का धागा बाँध चली
नव वधू मंद मंद मुस्काये
कर प्रवेश नवल जीवन में विनम्रता का मर्म
छोड़ बाबुल का घर पराई हुई
सात फेरों में बांधे सातो वचन सारे सुख दुःख
पिया संग साथ चली
दुल्हन सी शर्माती नव वधू नया जीवन बसाने चली
नव वधू मंद मंद मुस्कुराए।