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Sonia Goyal

Abstract Tragedy Inspirational

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Sonia Goyal

Abstract Tragedy Inspirational

नशा

नशा

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पता नहीं यह कैसी मोहमाया है,

नशा ही नशा चारों ओर छाया है।

नशे के हैं इस दुनिया में रंग हज़ार,

भिन्न-भिन्न हैं नशे के रूप और प्रकार।


नशा करने के बाद इंसान अपना होश खो जाता है,

न बाप न बेटा कुछ नहीं समझ में आता है।

पहले इंसान नशा करके लेता है मज़ा,

बाद में नशा दिलाता है उसको सज़ा।


नशा युवाओं के लिए है खतरा,

यह सब के जीवन को है प्रभावित करता।

नशे के चक्कर में लोग ऐसे फंसते हैं,

कि उनके घर-बार तक बिक जाते हैं।


नशे ने लाखों घर बर्बाद किए हैं,

कितने ही घरों के चिराग छीन लिए हैं।

नशा कोई भी हो अक्सर बनता है पतन का कारण,

इससे दूर रहना ही है एकमात्र निवारण।


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