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kacha jagdish

Abstract Tragedy

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kacha jagdish

Abstract Tragedy

नफरत

नफरत

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तुझे नफरत है मुझसे 

मुझे नफरत है तुझसे


जो आग में जल रहा तू है

वो आग में जल रहा मैं भी हूँ


बात तुझे भी नही करनी

बात करना मैं भी नही चाहता हूँ


तेरे मेरे दरमियां बढ़ रही खाई है

पड़ी तुझे भी नही, मुझे भी नही


चला जा रहा है तू नफरत अंधा होकर

तो कम मैं भी नही।


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